हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम लेखनी प्रतियोगिता -20-Oct-2022
हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम
हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम
कर्तव्य पथ पर डटो तुम
मुश्किलों का सामना करो
तूफान के आगे भी अड़ो तुम
हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम
कर्तव्य पथ पर डटो तुम
तुम्हारा कर्म ही तुम्हारी पहचान बनेगा
चिरकाल तक तुम्हारा नाम करेगा
लोभ मोह क्रोध पाप को तजो तुम
सत्य निष्ठा नेकी का मार्ग धरो
अन्याय से डटकर लड़ो तुम
हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम
कर्तव्य पथ पर डटो तुम
परोपकार के भागी बनो
अहिंसा के पुजारी बनो
नए आदर्श स्थापित करो तुम
मन में अटूट विश्वास भरो
संयम का पाठ पढ़ो तुम
हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम
कर्तव्य पथ पर डटो तुम
तुम्हारी कोशिशें गवाह बनेंगी
सफलता की नई राह बनेगी
फल की चिंता छोड़ो
कर्म की कड़ियां जोड़ो
अटल निश्चयी बनो तुम
हे पार्थ ! सदा आगे बढ़ो तुम
कर्तव्य पथ पर डटो तुम
- आशीष कुमार
मोहनिया, कैमूर, बिहार
Abhinav ji
21-Oct-2022 09:20 AM
Very nice👍
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Ashish Kumar
21-Oct-2022 10:45 AM
थैंक यू सो मच
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
21-Oct-2022 08:59 AM
बेहतरीन प्रेरित करती हुई कविता
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Ashish Kumar
21-Oct-2022 10:45 AM
जी बहुत-बहुत धन्यवाद
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Reena yadav
20-Oct-2022 05:12 PM
👍👍🌺
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Ashish Kumar
20-Oct-2022 07:11 PM
थैंक यू सो मच
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